श्रीमद्भागवत ज्ञानयज्ञ…
– कथा में चौथे दिन बताया सृष्टि के आदि-मध्य-अंत का रहस्य
पारब्रह्म परमेश्वर ने नई दुनिया बनाने के लिए प्रजापिता ब्रह्मा के मुख से दिया ज्ञान: बालब्रह्मचारिणी गीता दीदी
04 मार्च, खिमलासा/बीना।
इस सृष्टि के आदि में यह दुनिया सतयुगी थी, जहां दूध-घी की नदियां बहती थीं। सर्वत्र सुख-शांति, आनंद और प्रेम था। देवी-देवताओं का निवास था और सर्वगुण संपन्न थे। उस स्वर्णिम दुनिया में प्रत्येक आत्मा सतोप्रधान और संपूर्ण पवित्र थी। संतान भी योगबल से पैदा होते थे। धीरे-धीरे कर्म बंधन में आते आत्मा के गुण और शक्तियां क्षीण होती गई। कलियुग में आज आत्मा पूरी तरह से कलाहीन हो गई है। अब फिर से आत्मा को गुणवान बनाने के लिए इस सृष्टि पर परमात्मा आकर पवित्र बनने का रास्ता बता रहे हैं। उक्त उद्गार बालब्रह्मचारिणी, योगशक्ति गीता दीदी ने व्यक्त किए। खिमलासा में चल रही श्रीमद्भागवत ज्ञानयज्ञ कथा के चौथे दिन सृष्टि के आदि-मध्य और अंत का वास्तविक रहस्य बताया।
उन्होंने कहा कि आज का इंसान वासना में जानवर से भी बद्तर बन गया है। वासना और व्यसन को जो शिव पर अर्पण कर देगा वह नर से नारायण और नारी से लक्ष्मी बन जाएगा। यदि श्रीकृष्ण की दुनिया में जाना है तो योगी बनना होगा। भोगी मनुष्य सतयुगी दुनिया में नहीं जा सकता है। जो मनुष्य इस धरती पर पांच विकारों से दूर रहकर ईश्वर का ध्यान करेगा वही नई दुनिया में जाने के योग्य होगा। इंसान के पतन का कारण एक-दूसरे को शरीर के रूप में देखना है। रामायण में लिखा है कि सतयुग-त्रेतायुग में कलयुगी मनुष्य नहीं होते हैं। शिवजी की बारात जाने वाली है यदि उसमें शामिल होना है तो पहले अपना जीवन पवित्र बनाना होगा।
नारी मर्यादा की लक्ष्मणरेखा में रहें…
योग शक्ति गीता दीदी ने कहा कि महिला अर्थात् मही (धरती) और लॉ मतलब नियम। इसका मतलब महिला का कार्य धरती पर नियम बनाना है। लोगों को मर्यादा की सीमा में रखना सिखाना है। आज प्रतिज्ञा करें कि कभी भी मर्यादा रूपी लक्ष्मणरेखा को नहीं तोड़ेंगे। चरित्र श्रेष्ठ रखें। यदि हमारा चरित्र श्रेष्ठ है तो कोई रावण हरण नहीं कर सकता है।
सेवाकेंद्र पर किया शिव ध्वजारोहण…
खिमलासा सेवाकेंद्र प्रभारी बीके जानकी दीदी ने बताया महाशिवरात्रि पर मोदी भवन स्थित सेवाकेंद्र पर सुबह 9 बजे शिव ध्वजारोहण किया गया। इसके बाद शिव ध्वज के नीचे योग शक्ति गीता दीदी ने सभी को संकल्प कराया कि आज से हम प्रतिज्ञा करते हैं कि अपना तन-मन-धन और ये पूरा जीवन ईश्वरीय सेवा में अर्पण करेंगे। 5 मार्च को श्रीमद्भागवत ज्ञानयज्ञ प्रवचन का समापन होगा। इस दौरान यज्ञ में सभी श्रद्धालुओं से पर्ची में अपनी एक-एक बुराई लिखकर डाला जाएगा।
ये रहे उपस्थित…
इस मौके पर बीना सेवाकेंद्र प्रभारी बीके सरोज दीदी, बीके शिवानी दीदी, बीके सरस्वती दीदी, बिजली कंपनी सीवी साहू, नीरज सराफ, भाजपा नेता रामनारायण सोनी सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालुगण उपस्थित रहे।